पुडुचेरी क्रिकेट एसोसिएशन (CAP) सोमवार को उस समय सकते में आ गया, जब उसके अंडर-19 मुख्य कोच एस. वेंकटरमन पर कथित तौर पर एसोसिएशन के प्रशिक्षण केंद्र के अंदर तीन स्थानीय क्रिकेटरों ने हमला कर दिया. ये क्रिकेटर आगामी सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) के लिए चयन न होने से नाराज थे.
हमला और गंभीर चोटें
यह हिंसक घटना सुबह लगभग 11 बजे इनडोर नेट प्रैक्टिस के दौरान हुई. हमले में कोच वेंकटरमन के सिर में गंभीर चोटें आईं, जिसके लिए उन्हें 20 टांके लगाने पड़े. इतना ही नहीं, उनके कंधे में फ्रैक्चर होने की भी खबर है, जिससे चोटों की गंभीरता का पता चलता है.
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सेदारपेट पुलिस स्टेशन में एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली है. सब-इंस्पेक्टर एस. राजेश ने चोटों की गंभीरता की पुष्टि की और बताया कि आरोपी खिलाड़ी फरार हैं और उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं.
कोच के आरोप और नामित हमलावर
अपनी पुलिस शिकायत में कोच वेंकटरमन ने कार्तिकेयन जयसुंदरम, ए. अरविंदराज और एस. संतोष कुमारन को हमलावरों के रूप में नामित किया है.
कोच ने अपने बयान में बताया कि 8 दिसंबर 2025 को सुबह लगभग 11 बजे, वह सीएपी परिसर के अंदर बने इनडोर नेट अभ्यास में थे. तभी ये तीनों वरिष्ठ क्रिकेटर आए और उन्हें गाली देने लगे. उनका आरोप था कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टीम में उनके चयन न होने का कारण कोच ही हैं.
वेंकटरमन के अनुसार, "अरविंदराज ने मुझे पकड़ रखा था, जबकि कार्तिकेयन ने संतोष कुमारन का बल्ला छीन लिया और मुझे जान से मारने की नीयत से मुझ पर हमला कर दिया." उन्होंने आगे आरोप लगाया कि हमलावरों ने मारते समय कहा कि भरथिदासन पुडुचेरी क्रिकेटर्स फोरम के सचिव जी. चंद्रन ने उनसे कहा था कि उन्हें मौका तभी मिलेगा जब वे कोच को "मार डालेंगे".
फोरम का खंडन और जवाबी आरोप
भरथिदासन फोरम ने हालांकि, कोच वेंकटरमन द्वारा लगाए गए इन आरोपों का पुरजोर खंडन किया है. फोरम ने दावा किया कि वेंकटरमन का स्थानीय खिलाड़ियों के साथ विवादों का पुराना इतिहास रहा है और उन्होंने अतीत में उनके साथ दुर्व्यवहार किया है.
फोरम के अध्यक्ष सेंथिल कुमारन ने कहा कि वेंकटरमन अतीत में विवादों के लिए "कुख्यात" थे और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमले में सचिव जी. चंद्रन की कोई भूमिका नहीं थी.
भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
यह हिंसक घटना पुडुचेरी क्रिकेट पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की जांच के ठीक एक दिन बाद हुई है. एक जांच में रणजी ट्रॉफी एसोसिएशन (सीएपी) के भीतर लंबे समय से चले आ रहे तनाव का खुलासा हुआ था. इसमें यह भी सामने आया कि स्थानीय खिलाड़ियों को नियमित रूप से दरकिनार किया जाता था, जबकि बाहरी क्रिकेटरों को कथित तौर पर फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों और आधार कार्ड का इस्तेमाल करके टीम में जगह दिलाई जाती थी.
जांच के अनुसार, 2021 से अब तक केवल पांच पुडुचेरी मूल के क्रिकेटरों ने ही रणजी ट्रॉफी का मैच खेला है. बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने व्यापक आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रिपोर्ट में "गंभीर मुद्दे" उठाए गए हैं जिनकी बोर्ड जांच करेगा. हालांकि, सीएपी के सीईओ राजू मेहता ने एसोसिएशन का बचाव करते हुए जोर देकर कहा कि सभी खिलाड़ियों ने पात्रता मानदंडों का पालन किया है और "भ्रष्टाचार के प्रति बिल्कुल भी सहनशीलता नहीं है."